महापुरुषों के 150 से अधिक लोकप्रिय संस्मरण
महापुरुषों के 150 से अधिक लोकप्रिय संस्मरण नामक यह किताब सिर्फ एक किताब नहीं बल्कि विश्व के महान् पुरुषों के जीवन के अनमोल क्षणों का क्रमबद्ध संकलन है। पुरुष और महापुरुष के अंतर को पाटती इन कहानियों को पढ़ने से हमें यह ज्ञान मिलेगा कि एक साधारण मनुष्य होते हुए भी ये लोग कैसे इतने असाधारण कार्य कर सके।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में हमलोग महापुरुषों की वाणी को प्रभु की वाणी की तरह मानते हैं, उनके दिखाए रास्ते पर चलते हैं, उनके जैसे बनने की कोशिश करते हैं ताकि हमारा नाम भी महापुरुषों की भांति ही सुनहरे अक्षरों में लिखा जा सके, हमें भी उनकी तरह सम्मानपूर्वक युगों-युगों तक याद किया जा सके।
ऐसे ही लक्ष्यों को साधती है यह पुस्तक महापुरुषों के 150 से अधिक लोकप्रिय संस्मरण। मुश्किल क्षणों पर विजय पाने का गुर सिखाने और मनोबल को ऊंचा करने वाली इन कहानियों से पाठकों को सचमुच असीम शांति और सुकून की प्राप्ति होगी।
महावीर प्रसाद सिंह ‘माधव’ अध्यापक के रूप में सेवा-निवृत्ति के उपरान्त पूर्णतया रचनात्मक-लेखन में सक्रिय हैं। बी.ए, बी.टी, साहित्यालंकार, विशारद की उपाधि हासिल करने वाले महावीर जी डा. भीमराव अम्बेडकर, विद्या वाचस्पति व काव्य भूषण जैसे पुरस्कार से सम्मानित हैं।
इनकी हिन्दी सहित अन्य भाषाओं में अब तक अट्ठाईस पुस्तकें, अट्ठारह पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। कविता, नाटक, कहानी, उपन्यास आदि क्षेत्रों में इनको महारत हासिल है। अनेकों संस्थानों से जुड़कर कई पदों को सुशोभित करने वाले महावीर प्रसाद सिंह ने स्वतंत्रता सेनानी के रूप में भी देश की सेवा की है। इनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व को विभिन्न पुस्तकों में सराहा गया है।