ज्योतिषीय योग और उनके प्रभाव

ज्योतिषीय योग और उनके प्रभाव

यह ज्योतिष जगत की प्रथम सर्वाधिक अनूठी एवं उपयोगी पुस्तक है। इसमें सरल भाषा में सम्पूर्ण आवश्यक जानकारी क्रमबद्ध, शोधपूर्ण और रोचक शैली में प्रामाणिक ग्रन्थों के आधार पर दी गई है। यह पुस्तक जहां आम पाठकों की जिज्ञासा को शांत करेगी, वहीं ज्योतिष के प्रकाण्ड पण्डितों को भी बहुत कुछ नया देगी। यही एक पुस्तक है जिसमें दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले ज्योतिष के सामान्य एवं अनुभूत प्रयोगों की जानकारी दी गई है। 

जन्मकुण्डली विभाग में सबसे चर्चित एवं मन को विचलित करने वाले योगों की सच्चाई को सामने रखकर जनमानस की ज्योतिष विषय के प्रति रूचि जागृत करने का प्रयास किया गया है। इसमें जहाँ मांगलिक दोष, कालसर्प दोष एवं शनि की साढे़साती की वास्तविकता से अवगत कराया गया है वहीं राजयोग, गजकेसरी जैसे सुखद प्रभावी योगों को भी रखा गया है। विवाह, संतान एवं रोजगार के योगों की चर्चा भी की गई है। यात्रा से लेकर महायात्रा तक के योग दिये गये हैं। शिलान्यास से लेकर गृह प्रवेश तक के मुहूर्त भी इसमें शामिल हैं। 

जन्मकुण्डली को लेकर अनेक प्रकार के प्रश्न उमड़ते-घुमड़ते रहे हैं। समाधान की खोज में पाठक अनेक पत्र-पत्रिकाओं एवं पुस्तकों को पढ़ते हैं या ज्योतिषविद्ों् से संपर्क करते हैं। यदि आप जीवन में कोई कठिनाई महसूस करते हैं तो इस पुस्तक की सहायता से आप अपने जीवन को बदलकर सुख, शान्ति एवं समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। ज्योतिष शंका-समाधान के तहत प्रत्येक व्यक्ति को प्रामाणिक समाधान देने का प्रयास किया गया है। इस पुस्तक का उद्देश्य यही है कि आम पाठक इस पुस्तक की मदद से अपने जीवन को खुशहाल बनायें।


12 मार्च, 1972 को जन्मे व्रजेशनन्द शर्मा, जैन विश्वभारती मान्य विश्वविद्यालय, लाडनूं से जीवन विज्ञान, प्रेक्षाध्यान एवं योगा में एम.ए. तथा ज्योतिष विज्ञान प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम की परीक्षा में “ए” ग्रेड उपाधि प्राप्त हैं। आपने महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर से अर्थशास्त्र एवं इतिहास में एम.ए. तथा बी.एड. किया है।

अनेक मुख्य समाचार-पत्रों में निरन्तर शोधपूर्ण लेखन। जयपुर एवं दिल्ली से निकलने वाली सभी ज्योतिषीय पत्रिकाओं में वास्तु के  व्यवहारिक पक्ष पर लेख प्रकाशित। प्रादेशिक और राष्ट्रीय ज्योतिष सेमिनारों में पत्र वाचन तथा ज्योतिष विषयक सेवाओं के लिए सम्मानित। अनेक पुस्तकें प्रकाशित। इनकी वर्ष 2009 में प्रकाशित “वास्तु के सौ सूत्र” अत्यन्त लोकप्रिय कृति है। ‘भवन निर्माण में वास्तु समाधान’ इनकी अभिनव पुस्तक इसी वर्ष पुस्तक महल से प्रकाशित हुई है। ‘रोजमर्रा की जिंदगी में ज्योतिषीय योग और उनके प्रभाव’ पुस्तक महल से प्रकाशित इनकी दूसरी कृति है।


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