सरकारी संस्थानो मे टिप्पणी एवं प्रारुप लेखन
टिप्पणी लेखन, सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के संदर्भ में चर्चा और विवाद का विषय रहा है। इसके परिणामस्वरूप, टिप्पणी और प्रारूप-लेखन एक महत्त्वपूर्ण विषय के रूप में उभरकर सामने आये हैं।
फाइल में आधिकारिक टिप्पणी लिखने का दायित्त्व सहायक अनुभाग अफसर पर होता है। सही टिप्पणी का प्रयोजन समस्या का उचित रूप से विश्लेषण करना, प्रासंगिक नियमों, विनियमों, नीतियों एवं आध्किारिक नियमों का उल्लेख करना, उपलब्ध विकल्पों पर प्रकाश डालना, विकल्पों के निहितार्थ की ओर ध्यान आकर्षित करना और उचित सुझाव देते हुए उत्तर तैयार करना है। टिप्पणी और प्रारूप लेखन सरकारी निर्णायक प्रणाली के अनभिज्ञ अंग हैं।
गत वर्षों में टिप्पणी और प्रारूप-लेखन के स्तर में गिरावट आई है। इस विषय पर कुछ कार्यालयीय प्रणाली नियम पुस्तिकाओं को छोड़कर कोई भी पुस्तक उपलब्ध नहीं है। इसी पहलू को ध्यान में रखते हुए यह पुस्तक सरकारी संस्थाओं में टिप्पणी एवं प्रारूप लेखन लिखी गई है।
यह एक विस्तृत पुस्तक है, जिसमें विभिन्न प्रकार के सिद्धांतों, महत्त्व, उचित और अनुचित टिप्पणियों के मुख्यांश एवं वास्तविक फाइलों से उद्धृत प्रारूप के उदाहरणों पर प्रकाश डाला गया है। अनेक प्रकार के अभ्यास, उनके हल एवं उपयोगी टिप्पणियों और प्रारूप के नमूने समस्त पाठकगण के लिए अनमोल सिद्ध होंगे।