चाय बेचने वाला से लेकर प्रधानमंत्री तक का सफर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में इस समय देश के सामने एक ऐसा व्यक्तित्व मौजूद है जो बहुत सारे ऐसे गुणों को अपने में समेटे हुए है जो किसी एक व्यक्ति में एक साथ कम ही देखने को मिलते हैं। तमाम आलोचनाओं के बावजूद सकारात्मक सोच से भरपूर, ऊंचा आत्मविश्वास, देश के लिए बड़े सपने और उच्च विचार, जमीन से जुड़ाव, कर्मठता और जुझारूपन, दृढ़ इच्छाशक्ति, स्पष्ट फैसले लेने की क्षमता, कुशल वक्ता, बेहद परिश्रमी और एक “फुल टाइम राजनीतिज्ञ” जो हर समय देश व लोगों के लिए कुछ करने के बारे में सोचता रहता है। इन्हीं गुणों के कारण आज नरेंद्र मोदी की गिनती विश्व के शीर्ष नेताओं में होती है।
मोदी स्वतंत्र भारत के 15वें प्रधानमंत्री हैं और इस पद पर बैठने वाले स्वतंत्र भारत में जन्मे प्रथम व्यक्ति भी। भारत का प्रधानमंत्री बनने से पहले, 14 वर्ष मुख्यमंत्री रहने के दौरान और अब प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने अपने कार्यों और परिश्रम से एक ऐसे राजनेता की छाप छोड़ी है जिसके आसपास आज कोई भी राजनीतिज्ञ दिखाई नहीं देता।
देश और विदेश में अथाह प्रशंसा और साथ में अथाह आलोचना के बीच नरेंद्र मोदी ने दुनिया में भारत को एक नए मुकाम पर पहुंचाने का काम किया है। 2017 से पहले कोई सोच भी नहीं सकता था कि भारत, चीन जैसे देश के सामने अड़ जाएगा और बड़ी कूटनीतिक सफलता हासिल करेगा। मोदी ने न केवल अमेरिका और रूस को एक साथ साधने में कामयाबी पाई है बल्कि पाकिस्तान को लगभग अलग-थलग कर दिया है और खाड़ी के देशों से भी अच्छे संबंध रखते हुए इजराइल को भारत के नजदीक ला दिया है।
घरेलू मोर्चे पर भी नरेंद्र मोदी की सरकार ने कई ऐसे काम किए हैं जो इससे पहले कभी नहीं किए गए। चुनावी जीत-हार की परवाह किए बिना नरेंद्र मोदी ने कई ऐसे फैसले (नोटबंदी, जीएसटी आदि) भी लिए हैं, जिन्हें लेने के लिए बहुत ज्यादा साहस और हिम्मत की जरूरत होती है। उनकी सरकार पर अभी तक भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है। तमाम समस्याओं के सामने वह डटे दिखाई देते हैं। संभवतः इन्हीं कारणों से जनता उनके साथ खड़ी दिखाई देती है।
नरेंद्र मोदी की जन्म से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक की यात्रा तमाम आरोपों-प्रत्यारोपों के बावजूद एक प्रेरणादायक यात्रा है और कई मौकों पर यह हमें आश्चर्यचकित भी करती है। उनकी इस यात्रा से पाठक निश्चित ही जीवन में आगे बढ़ने के कई सूत्र पा सकते हैं।