खुशियों का आइना

खुशियों का आइना

आधुनिक युग में मनुष्य अनेक पारिवारिक, सामाजिक, धार्मिक व आर्थिक समस्याओं के चलते कुण्ठा, तनाव, चिन्ता आदि समस्याओं से पीड़ित है। उसे जीवन में सकून (चैन) चाहिए, किन्तु उसे पाये कैसे? प्रस्तुत पुस्तक में मनुष्य की इन्हीं समस्याओं को लेखक ने अपने अनुभवों, शास्त्रवचनों, संतों, ज्ञानियों के वचनों, लोकोक्तियों आदि के माध्यम से सुलझाने का प्रयास किया है।

पुस्तक में जीने की कला व मार्गदर्शन के नुस्खे दिये गये हैं, जिन्हें यथास्थान कविता, शायरी आदि के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। ‘ईष्र्या न रखें, सत्य क्या है? भाग्य बड़ा या कर्म? मूर्खों की संगति से दूरी, धर्म क्या है? ईमानदारी का महत्त्व, दोस्त-दुश्मन का भेद आदि को समझाते हुए सुखी जीवन जीने का उपाय बतलाती है, प्रस्तुत पुस्तक ‘खुशियों का आइना।’


19 जून सन् 1937 को प्रसिद्ध छपारिया परिवार में, भिवानी (हरियाणा) में जन्मे श्रीरामलाल अग्रवाल ‘रामू’ एक सफल उद्योगपति हैं। प्रारम्भिक शिक्षा के बाद सन् 1954 में दिल्ली बोर्ड से मैट्रिक में प्रथम स्थान प्राप्त करने के बाद श्री  छपारिया ने कानपुर में 1955 में शुगर व्यवसाय आरम्भ किया, तत्पश्चात् 1963 में मेरठ में मुम्बई टेक्सटाइल उद्योग हैण्डलूम व पावरलूम की स्थापना की। सम्प्रति व्यवसाय से पूर्ण विश्राम लेकर मेरठ की अनेक सामाजिक, धार्मिक, व शैक्षिक संस्थाओं से जुड़े रहकर वर्तमान में मेरठ के प्रसिद्ध इस्माइल नेशनल गल्र्स डिग्री कालेज के अध्यक्ष हैं तथा कला, साहित्य एवं समाजसेवा में विशेष रुचि रखते हैं।


Write a review

Note: HTML is not translated!
    Bad           Good

Super Fast Shipping

Pustak Mahal will Provide Super Fast Shipping

1 Product(s) Sold
  • INR 72.00
  • Ex Tax: INR 72.00

Tags: खुशियों का आइना